UP CM Yogi Bal Shramik Vidya Yojana Online Form: The Children who are working (Child Labor) will get benefit of Rs 1000/ Months (for Boys) and Rs 1200/- Month( for Girls) so that they can enroll in Govt/ Private School. Chief Minister CM Yogi New Scheme “Bal Shramik Vidhya Yojana) Registration has started online. All the Labor/ Worker not getting time for School can get benefit of Bal Shramik Vidya Yojana.
सीएम योगी आदित्यनाथ शुक्रवार को बाल श्रम निषेध दिवस के मौके पर कामकाजी बच्चों को श्रम से हटाकर स्कूल भेजने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत करेंगे। इस योजना के तहत कामकाजी बच्चों को स्कूल भेजने के लिए सरकार उन्हें एक हजार रुपये/माह और बच्चियों को 12सौ रुपये/माह देगी। वहीं, कक्षा आठ, नौ और 10 पास करने पर छह-छह हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि अलग से मिलेगी।
Bal Shramik Vidya Yojana Registration
Scheme Name | Bal Shramik Vidya Yojana |
State | Uttar Pradesh |
Launched by | Chief Minister Yogi Adhityanath |
Benefits | Rs 1000/ Month (For Boys) Rs 1200/ Month (For Girls) |
Note: There will no no offline mode of application. You need to register online.
How to Apply: UP Bal Shramik Vidya Yojana
Follow the steps:-
STEP 1: Visit the official website of UP Bal Shramik Vidya Yojana.
STEP 2: Click on the “Registration”
STEP 3: Enter your Name, Father’s Name, Address, Phone Number, Email ID (Optional), Upload your Aadhaar/ ID. Verify OTP sent on Phone.
STEP 4: Where you are currently working.
STEP 5: Submit the form.
Note: After registration, you will get the Registration ID. Please
Uttar Pradesh श्रम विभाग बाल श्रमिकों के लिए पहले कैश ट्रांसफर योजना चला रहा था। इसके तहत लाभार्थी बाल श्रमिकों को सालाना आठ हजार रुपये और हर महीने सौ रुपये की छात्रवृत्ति दी जाती थी। मूल्यांकन के बाद सरकार ने इस योजना में बदलाव कर उसे बाल श्रमिक विद्या योजना (बीएसबीवाई) नाम दिया है।
योजना में 13 मंडलों के 20 जिलों के दो हजार कामकाजी बच्चों को शामिल किया गया है। इन जिलों में 2011 की जनगणना के मुताबिक सबसे ज्यादा बाल श्रमिक हैं।
हर जिले से सौ-सौ कामकाजी बच्चों को इस योजना से जोड़ा गया है। इन बच्चों के माता या पिता या फिर दोनों की मृत्यु हो चुकी है। ऐसे बच्चे भी जोड़े गए हैं, जिनके माता या पिता या दोनों स्थायी रूप से दिव्यांग या गंभीर बीमारी से ग्रसित हैं।